भारत में भी आया डिजिटल रुपया, जानें क्या है Digital करेंसी

0 115

नई दिल्ली, 3नवंबर। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने 1 नवंबर को डिजिटल रुपया लॉन्च कर दिया। देश के केंद्रीय बैंक की तरफ से इस पायलट प्रोजेक्ट को पहले पहल होल सेल मार्केट के लिए लॉन्च किया गया। आरबीआई के इस डिजिटल रुपया को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी सीबीडीसी का नाम दिया गया है। पायलट प्रोजेक्ट में देश के 9 बैंक गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में लेन देन के लिए इस डिजिटल करेंसी का उपयोग करेंगे। पैसा अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही वर्चुअल रूप में होगा लेकिन डिजिटल रुपया विकेंद्रीकृत नहीं होगा, इसे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। डिजिटल रुपया पूरी तरह से कानूनी होगा और भारत सरकार को स्वीकार्य होगा। ऐसे में आज आपको इस विश्लेषण में बताते हैं कि क्या है भारत की पहली डिजिटल करेंसी, आप पर इसका क्या असर पड़ेगा।

क्या है डिजिटल रुपया?
डिजिटल रुपया, जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के रूप में भी जाना जाता है। ये एक केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप है। यह बैंक नोटों से काफी अलग नहीं है, लेकिन डिजिटल होने की वजह से इसके आसान, तेज और सस्ता होने की संभावना है। इसमें डिजिटल मनी के अन्य रूपों के सभी लेन-देन संबंधी लाभ भी हैं। ये करेंसी नोटों की तरह ही पूरी तरह से वैध और मान्य है। जिसका इस्तेमाल सभी तरह के लेन-देन के लिए किया जा सकेगा। आरबीआई ने करेंसी को दो भागों में सीबीडीसी डब्लयू और सीबीडीसी आर में बांटा है। सीबीडीसी डब्ल्यू मतलब होलसेल करेंसी और सीबीडीसी आर मतलब रिटेल करेंसी। डिजिटल इकोनॉमी विकसित करने की दिशा में इसको एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

कहां लागू होगा?
डिजिटल रुपये की खासियत यही है कि ये नोट या सिक्के की तरह आपको दिखाई नहीं देगा। ये आपके मोबाइल फोन, बैंक अकाउंट, डिजिटल वॉलेट में नगदी की तरह रहेगा और आप जब चाहे इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। डिजिटल रुपये का इस्तेमाल बड़े भुगतान और निपटान के लिए किया जाएगा। आरबीआई के मुताबिक इसका इस्तेमाल सरकारी प्रतिभूतियों यानी सरकारी बॉन्ड की खरीद-बिक्री पर सेटलमेंट राशि के तौर पर किया जाएगा। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि इसका इस्तेमाल जल्द ही खुदरा लेनदेन के लिए भी किया जाएगा। डिजिटल करेंसी को भविष्य में विदेशों में भी लेन देन के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसकी वैल्यू कागजी नोटों के बराबर ही होगी। ग्राहक इसको लेकर करेंसी नोट भी हासिल कर सकते हैं।

डिजिटल रुपया कैसे काम करता है?
बैंक बैलेंस चेक करने की तरह ही वॉलेट में बैलेंस चेक किया जा सकता है। सीबीडीसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगा। व्यक्ति इसे भुगतान करने में सक्षम होंगे जिसे वे भुगतान करना चाहते हैं और यह उनके खाते में पहुंच जाएगा। सीबीडीसी दो प्रकार के होते हैं- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी होलसेल, जिसका उपयोग बड़ी मात्रा में लेनदेन के लिए किया जाता है और दूसरे चरण में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल का उपयोग रिटेल के लिए किया जाएगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी होलसेल का इस्तेमाल बैंकों, बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और अन्य बड़े लेनदेन संस्थानों सहित बड़े वित्तीय संस्थानों द्वारा किया जाएगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल का इस्तेमाल लोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए कर सकते हैं। यह पहले चुनिंदा स्थानों और बैंकों में शुरू होगा। रिटेल प्रोजेक्ट में सभी आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा। फिर उनके अनुभवों के आधार पर जरूरत पड़ने पर सुविधाओं में बदलाव किया जाएगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.